दो ईमानदार किसानो की कहानी

दो ईमानदार किसानो की कहानी

Story of two honest Farmers


Story of two honest Farmers : दो ईमानदार किसानो की कहानी एक समय की बात है एक गाँव में दो बहुत अच्छे दोस्त किसान रहते थे उनके नाम राम और श्याम थे। दोनों किसान बहुत मेहनती और ईमानदार थे। उनका खेत एक ही स्थान पर था और वे मिल जुलकर काम करते थे। एक दिन राम और श्याम के खेत में एक सुनहरी मूर्ति निकली। मूर्ति को देखकर दोनों बहुत खुश हुए लेकिन उन्हें समझ नहीं आया कि उसका क्या करें। राम ने कहा हमें यह मूर्ति राजा को सौंप देनी चाहिए  श्याम ने भी सहमति जताई और कहा हाँ यह सही है। राजा इस मूर्ति को देखकर खुश होंगे और हमें भी इनाम देंगे  दोनों किसान मूर्ति को लेकर राजा के पास गए और उसे सौंप दिया राजा ने उनकी ईमानदारी की प्रशंसा की और उन्हें इनाम दिया। राजा ने कहा तुम दोनों ने बहुत अच्छा काम किया है। इस मूर्ति को अपने पास रखने के बजाय मेरे पास लाकर तुमने ईमानदारी की मिसाल पेश की है राजा ने उन्हें सोने के सिक्कों का इनाम दिया और कहा कि उनकी ईमानदारी के कारण पूरे राज्य में उनकी तारीफ होगी। राम और श्याम ने इनाम पाकर धन्यवाद कहा और खुश होकर अपने गाँव लौट आए। उन्होंने अपने इनाम से गाँव के लोगों की भी मदद की और सबके दिलों में अपनी ईमानदारी की छाप छोड़ी।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी सबसे बड़ी संपत्ति है। जब हम सही रास्ते पर चलते हैं, तो हमें न केवल समाज में सम्मान मिलता है, बल्कि हमारे कामों का फल भी अच्छा होता है।
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