Lame Ghost Story : लंगड़े भूत की कहानी एक गाँव में एक पुराना और टूटा फूटा हवेली था जो अब किसी के रहने के लायक नहीं था गाँव के लोग मानते थे कि इस हवेली में लंगड़ा भूत रहता है यह भूत हमेशा एक लाठी के सहारे चलता था और उसके पैर में हमेशा एक पट्टी बंधी रहती थी गाँव के लोग इस हवेली से दूर रहते थे और कोई भी रात के समय उसके पास जाने की हिम्मत नहीं करता था कहा जाता था कि जो भी इस हवेली में गया वह कभी वापस नहीं आया। लोग कहते थे कि लंगड़ा भूत उसे अपनी लाठी से मारता है और उसकी आत्मा को बंदी बना लेता है। एक दिन गाँव में एक नया नौजवान आया जिसका नाम था अर्जुन अर्जुन ने गाँव के लोगों की बातों को नहीं माना और उसने ठान लिया कि वह उस हवेली में जाएगा और सच्चाई का पता लगाएगा। गाँव के लोगों ने उसे रोका लेकिन अर्जुन ने किसी की नहीं सुनी और रात के समय हवेली में चला गया हवेली में प्रवेश करते ही अर्जुन ने एक ठंडी हवा का झोंका महसूस किया और उसे थोड़ी डरावनी आवाजें सुनाई दीं। लेकिन उसने अपनी हिम्मत नहीं खोई और अंदर की ओर बढ़ता रहा। अचानक अर्जुन ने देखा कि एक लंगड़ा आदमी लाठी के सहारे उसकी ओर बढ़ रहा है वह आदमी बहुत ही डरावना दिखाई दे रहा था और उसकी आँखें जल रही थीं
अर्जुन ने उस आदमी से पूछा तुम कौन हो और इस हवेली में क्यों रहते हो उस लंगड़े आदमी ने एक गहरी आवाज में उत्तर दिया मैं इस हवेली का मालिक था लेकिन कुछ वर्षों पहले एक हादसे में मेरा पैर टूट गया और मैं चलने फिरने में असमर्थ हो गया मेरी जान बचाने के लिए डॉक्टरों ने मेरा पैर काट दिया और तब से मैं एक लंगड़ा हो गया मैं इस हवेली में अकेला रह गया और किसी ने मेरी मदद नहीं की इसी कारण मेरी आत्मा यहाँ भटक रही है। अर्जुन ने उसकी बातों को ध्यान से सुना और समझा कि वह भूत नहीं था बल्कि एक आत्मा थी जो अपनी पीड़ा से मुक्त नहीं हो पाई थी अर्जुन ने उसे वचन दिया कि वह उसकी आत्मा को मुक्ति दिलाएगा और गाँव के लोगों को उसकी कहानी सुनाएगा अर्जुन ने गाँव में जाकर लोगों को सारी सच्चाई बताई और उन्होंने मिलकर उस आत्मा के लिए एक पूजा आयोजित की पूजा के बाद लंगड़े आदमी की आत्मा को शांति मिली और वह हवेली से हमेशा के लिए मुक्त हो गया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि किसी की पीड़ा को समझना और उसे मदद करना ही सच्ची इंसानियत है।
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