दो अंधे शेरों की कहानी

दो अंधे शेरों की कहानी

The story of two blind lions


दो अंधे शेरों की कहानी : बहुत समय पहले एक घने जंगल में दो शेर रहते थे। वे दोनों ताकतवर थे लेकिन समय के साथ उनकी आँखों की रोशनी चली गई और वे अंधे हो गए। अब वे शिकार नहीं कर सकते थे और धीरे धीरे उनकी हालत खराब होने लगी

संघर्ष और दोस्ती

दोनों शेर अलग अलग जगहों पर रहते थे लेकिन उनकी तकलीफ एक जैसी थी भूख अकेलापन और बेबसी। एक दिन जब वे दोनों जंगल के एक तालाब के पास पानी पीने पहुँचे तो उनकी मुलाकात हुई। पहले तो दोनों एक दूसरे की गरज से डर गए लेकिन फिर बातचीत के दौरान उन्हें एहसास हुआ कि वे एक जैसी मुश्किलों का सामना कर रहे हैं। उन्होंने फैसला किया कि वे एक-दूसरे की मदद करेंगे और साथ में रहेंगे

मिलकर समाधान ढूँढना

अब समस्या यह थी कि शिकार कैसे किया जाए दोनों अंधे थे लेकिन उनकी सूंघने और सुनने की शक्ति तेज हो चुकी थी। उन्होंने एक योजना बनाई
एक शेर शिकार की गंध सूंघेगा और यह तय करेगा कि शिकार किस दिशा में है।
दूसरा शेर अपने तेज कानों से सुनकर शिकार की हलचल को पहचानेगा।
दोनों मिलकर धीरे-धीरे शिकार की ओर बढ़ेंगे और सही समय पर हमला करेंगे

सफलता और सीख

इस योजना से वे धीरे-धीरे फिर से ताकतवर हो गए और बिना आँखों के भी जंगल में अपनी बादशाहत कायम रखी। उनकी दोस्ती और एकता ने उन्हें हारने नहीं दिया

कहानी की सीख

एकता में शक्ति होती है।
अपनी कमज़ोरियों को अपनी ताकत में बदल सकते हैं।
सही सोच और मेहनत से किसी भी मुश्किल का हल निकाला जा सकता है।

तो, हमेशा मिलकर रहो और अपने हुनर का सही इस्तेमाल करो


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