भूरा नाम के भालू कि कहानी : घने जंगल में एक बड़ा और ताकतवर भालू रहता था जिसका नाम था भूरा। उसका रंग गहरा भूरा था और उसकी बड़ी बड़ी आँखों में हमेशा एक चमक रहती थी। भूरा बहुत ही शांत स्वभाव का था लेकिन जब उसे गुस्सा आता तो पूरा जंगल काँप उठता गल के सभी जानवरों का मित्र था। वह छोटे जानवरों की मदद करता और कमजोरों को बचाता। खासकर उसकी सबसे अच्छी दोस्त थी गिलहरी चंची। चंची बहुत चतुर और फुर्तीली थी। वह हमेशा भूरा को नई नई बातें सिखाती और उसकी मदद भी करती।
एक दिन जंगल में शेर सिंहराज आया। वह बहुत क्रूर था और जंगल पर राज करना चाहता था। उसने सभी जानवरों को डराना शुरू कर दिया। कोई भी उससे मुकाबला करने की हिम्मत नहीं कर रहा था। जब भूरा को यह पता चला तो उसने तय किया कि वह जंगल को बचाएगा। भूरा ने अपनी ताकत और चंची की चतुराई से एक योजना बनाई। चंची ने शेर को गहरी खाई की ओर आकर्षित किया और जैसे ही शेर वहाँ पहुँचा भूरा ने ज़ोर से दहाड़ लगाई और अपने भारी शरीर से उसे धक्का दे दिया। शेर खाई में गिर गया और फिर कभी जंगल में लौटकर नहीं आया।
भूरा की बहादुरी के कारण पूरा जंगल सुरक्षित हो गया। सब जानवर खुशी खुशी रहने लगे। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हिम्मत और बुद्धिमानी से बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाला जा सकता है
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