मुसहर व एक वफादार कुत्ते की कहानी
The story of a Musahar and a faithful dog
मुसहर व एक वफादार कुत्ते की कहानी : एक छोटे से गाँव में, जहाँ मिट्टी की सोंधी खुशबू और खेतों की हरियाली थी, वहीं एक किसान रामू अपने वफादार कुत्ते मुसहर के साथ रहता था मुसहर कोई आम कुत्ता नहीं था, बल्कि उसकी बहादुरी और समझदारी की कहानियाँ पूरे गाँव में मशहूर थीं।
मुसहर की दोस्ती
रामू ने मुसहर को तब गोद लिया था जब वह बस एक छोटा सा भूखा-प्यासा पिल्ला था। धीरे-धीरे मुसहर रामू का सबसे अच्छा दोस्त बन गया। वह हर समय उसके साथ रहता खेतों में काम करते वक्त गाँव की गलियों में घूमते हुए यहाँ तक कि रात को भी घर की चौकीदारी करता।
मुसहर की बहादुरी
एक दिन गाँव में एक तेंदुआ आ गया जो रात के अंधेरे में मवेशियों का शिकार कर रहा था। लोग डर के मारे अपने घरों में छिप गए, लेकिन मुसहर ने हिम्मत नहीं हारी। जब तेंदुआ रामू के खलिहान के पास पहुँच तो मुसहर ने जोर जोर से भौंकना शुरू कर दिया। उसकी तेज आवाज से पूरा गाँव जाग गया और लोग लाठियाँ और मशालें लेकर इकट्ठा हो गए। मुसहर लगातार तेंदुए के सामने खड़ा रहा जिससे तेंदुआ डरकर भाग निकला। उस दिन से गाँव में मुसहर की बहादुरी की मिसाल दी जाने लगी। लोग उसे प्यार से गाँव का रक्षक कहने लगे।
मुसहर की यादें
अपनी पूरी ज़िंदगी रामू और गाँव की सेवा में बिता दी। जब वह बूढ़ा हुआ तो गाँव के लोग उसकी देखभाल करने लगे, ठीक वैसे ही जैसे वह सालों तक उनकी रक्षा करता रहा था। सिर्फ एक कुत्ता नहीं था वह वफादारी बहादुरी और दोस्ती की मिसाल बन गया था। उसकी कहानी आज भी गाँव के बच्चे सुनते हैं और सीखते हैं कि सच्ची दोस्ती और निस्वार्थ प्रेम की कोई कीमत नहीं होती
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