चिंटियों का लुटेरा गैंग
The robber gang of ants
चिंटियों का लुटेरा गैंग : चॉकलेटपुर मोहल्ला जहाँ हर घर में मिठाई छुपाकर रखनी पड़ती थी… क्यों?
क्योंकि रात को आता था “चिंटियों का लुटेरा गैंग”
गैंग के खतरनाक मेंबर्स:
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क्वीन काली बाई – गैंग की लीडर, बड़ी, समझदार और सबसे चालाक।
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धावा डैनी – तेज़ दौड़ने वाला स्काउट, हर जगह पहले पहुँच जाता था।
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मिठास माया – सिर्फ़ मीठा सूंघकर बता देती थी कहाँ रखा है।
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बोरीलाल – खाने की चीज़ उठाने में एक्सपर्ट, चीनी की 2 किलो की बोरियाँ भी खींच लाता था!
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हॉकर हैरी – गैंग का अलार्म सिस्टम, खतरा आया नहीं कि “पिक पिक पिक” की आवाज़ से सब भाग जाते।
गैंग का मिशन:
हर रात चुपचाप घरों में घुसना,
रसोई की अलमारी खोलना,
चीनी, बिस्कुट, केक और लड्डू तक लूट ले जाना —
और बिना सबूत छोड़े गायब हो जाना।
सबसे बड़ा हमला:
एक दिन, मोहल्ले के शर्मा अंकल ने 5 किलो लड्डू शादी के लिए बनवाए थे।
रात को गैंग आया, और मिशन का नाम रखा गया —
“ऑपरेशन लड्डू!”
एक-एक लड्डू छोटे-छोटे टुकड़ों में काटा गया, फिर लाइन बनाकर घसीटा गया।
सुबह जब शर्मा अंकल उठे तो सिर्फ डिब्बे की खुशबू बची थी।
और दीवार पर लिखा था —
“चिंटी गैंग आयी थी – थैंक्यू फॉर स्वीट ट्रीट!”
बच्चों का बदला:
बच्चों ने मिलकर “ऑपरेशन झाड़ू-पोंछा” शुरू किया।
हल्दी की लाइनें, पुदीना स्प्रे और हर कोने में बिस्किट के ट्रैप रखे गए।
अगली रात गैंग फँस गया।
क्वीन काली बाई बोली —
“हम लुटेरे हैं, पर सम्मान से जीते हैं! हार मानते हैं, पर मिठाई फिर भी नहीं छोड़ते!”
और फिर वो गायब हो गई… अगली मिठाई की तलाश में।
जहाँ मिठाई हो, वहाँ चिंता नहीं — चिंटियाँ ज़रूर होंगी।
और अगर बहुत ज़्यादा हो जाएं, तो समझ जाओ —
“लुटेरा गैंग फिर से एक्टिव हो गया है!”