जंगल का शेर बना डाक्टर
The lion of the jungle became a doctor
जंगल का शेर बना डाक्टर : हरियाली वन जहाँ सभी जानवर मिल-जुलकर रहते थे। लेकिन एक दिन वहाँ कुछ ऐसा हुआ जिसने सबको हिला दिया…
मुख्य किरदार: शेरराज
शेरराज, जंगल का राजा था — ताकतवर, तेज़ और रौबदार।
लेकिन साथ ही वो था दूसरों की तकलीफ से दुखी होने वाला।
वह जब भी किसी जानवर को बीमार या घायल देखता, उसका दिल बेचैन हो जाता।
घटना जो सब कुछ बदल गई:
एक बार, एक छोटा खरगोश “गुब्बू” खेलते समय गिर गया और उसकी टाँग में चोट आ गई।
सभी जानवर डर के मारे उसे उठाने नहीं जा रहे थे — कहीं शेरराज गुस्सा न हो जाए, क्योंकि वह आराम कर रहा था।
लेकिन जब शेरराज को पता चला, वो दौड़ता हुआ आया, और अपने पंजे से नर्म घास तोड़कर उसके घाव पर लगाई।
फिर उसे अपनी पीठ पर बिठाकर नदी के किनारे बने बूढ़े हाथी के पास ले गया, जो कभी वैद्य हुआ करता था।
शेरराज का फैसला:
उसी दिन शेरराज ने घोषणा की —
“मैं अब जंगल का राजा नहीं, जंगल का डॉक्टर बनूंगा!”
सब हक्के-बक्के रह गए।
उसने बूढ़े हाथी से दवाओं की जानकारी ली, जंगल की जड़ी-बूटियाँ सीखी, और हर जानवर की बीमारी का इलाज करने लगा।
डॉक्टर शेर की क्लिनिक:
अब शेरराज की एक छोटी-सी “जंगल क्लिनिक” थी —
जहाँ बंदर को खांसी की दवा, गिलहरी को विटामिन, और भालू को दर्द की जड़ी दी जाती।
उसके बोर्ड पर लिखा होता था —
“डॉक्टर शेरराज – डर नहीं, दवा देंगे हम!”
अंत:
धीरे-धीरे जंगल के जानवर और भी खुशहाल हो गए।
राजा की जगह अब प्यार, सेवा और देखभाल ने ले ली थी।
और हर जानवर कहता था —
“शेरराज नहीं, अब डॉक्टरराज है हमारा असली हीरो!”