तेनालीरामा की धान की खेती
Tenaliram’s Paddy Cultivation
Tenaliram’s Paddy Cultivation : तेनालीरामा की धान की खेती तेनालीराम अपनी चतुराई और हाज़िरजवाबी के लिए प्रसिद्ध थे। उनके बुद्धिमान और मज़ेदार किस्से लोगों को न केवल हंसाते थे बल्कि गहरी सीख भी देते थे। ऐसा ही एक किस्सा है तेनालीराम की धान की खेती जिसमें उन्होंने अपनी समझदारी से राजा कृष्णदेव राय और दरबारियों को एक बड़ी सीख दी एक दिन राजा कृष्णदेव राय ने अपने दरबार में घोषणा की कि जो भी व्यक्ति सबसे अधिक धान की खेती करेगा, उसे इनाम दिया जाएगा। सभी दरबारी और किसान इस प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए तैयार हो गए। तेनालीराम को भी इस चुनौती के बारे में पता चला लेकिन उन्होंने कुछ अलग करने की सोची। राजा और उनके मंत्री धान की खेती का निरीक्षण करने के लिए निकले सभी किसानों ने अपने खेतों में धान उगाया था लेकिन जब राजा तेनालीराम के खेत पर पहुंचे तो वे चौंक गए वहां सिर्फ कुछ मुट्ठी भर धान ही उगा था राजा ने नाराज़ होकर पूछा तेनालीराम यह क्या मज़ाक है बाकी सभी ने बड़े बड़े खेतों में धान उगाया है लेकिन तुम्हारा खेत तो लगभग खाली है
तेनालीराम मुस्कुराए और बोले महाराज मैंने सोचा कि जितनी मेहनत और समय मैं पूरे खेत में लगाने में खर्च करता उतना ही ध्यान अगर मैं कुछ गिने-चुने पौधों पर लगाऊं तो वे सबसे अधिक उपज देंगे मैं गुणवत्ता पर ध्यान देता हूं मात्रा पर नहीं राजा को तेनालीराम की यह बात बहुत पसंद आई उन्होंने महसूस किया कि कभी कभी अधिक काम करने की बजाय बुद्धिमानी से काम करना अधिक लाभदायक होता है उन्होंने तेनालीराम की चतुराई की प्रशंसा की और इनाम देकर सम्मानित किया।
सीख:
यह कहानी हमें सिखाती है कि कभी-कभी मेहनत से ज्यादा चतुराई से किया गया काम अधिक फायदेमंद होता है। गुणवत्ता (quality) हमेशा मात्रा (quantity) से अधिक महत्वपूर्ण होती है।
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