तेनालीराम का सपने में चलना

तेनालीराम का सपने में चलना

Tenali Raman’s dream walk

 


तेनालीराम का सपने में चलना : अपनी बुद्धिमानी और चतुराई के लिए प्रसिद्ध थे। एक दिन दरबार में राजा कृष्णदेव राय ने एक नई समस्या रखी। उन्होंने कहा मैंने सुना है कि कुछ लोग सपने में चलने लगते हैं। क्या तुम जानते हो कि ऐसा क्यों होता है दरबार में सभी मंत्री सोच में पड़ गए। किसी के पास इस प्रश्न का उत्तर नहीं था। तभी तेनालीराम मुस्कुराए और बोले महाराज मैं इस पर शोध करूंगा और आपको उत्तर दूंगा।

तेनालीराम की चतुराई

रात को तेनालीराम ने दरबार के एक मंत्री के घर जाकर उनके आंगन में पानी डाल दिया और वहाँ केले के पत्ते बिछा दिए। जब मंत्री आधी रात को बाहर निकले तो फिसलकर गिर पड़े और घबराकर चिल्लाने लगे। अगले दिन तेनालीराम दरबार में पहुँचे और बोले महाराज सपने में चलना कोई जादू नहीं यह तो दिमाग का खेल है। उन्होंने समझाया कुछ लोग नींद में भी उन्हीं बातों के बारे में सोचते रहते हैं जो दिनभर उनके दिमाग में होती हैं। कभी कभी वे चलते फिरते भी हैं जैसे कल रात मंत्रीजी अपने घर के आंगन में फिसल पड़े थे क्योंकि उनके दिमाग में डर और चिंता भरी हुई थी। राजा कृष्णदेव राय तेनालीराम की इस व्याख्या से बहुत प्रभावित हुए और उन्हें इनाम दिया। तेनालीराम की चतुराई से एक बार फिर पूरा दरबार हँसी और तालियों से गूंज उठा

सीख:

“बुद्धिमानी से हर समस्या का हल निकाला जा सकता है।”

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