बिना बाल वाले भालू की कहानी

बिना बाल वाले भालू की कहानी

Story Of The Hairless Bear


बिना बाल वाले भालू की कहानी : बहुत समय पहले की बात है एक घने जंगल में एक भालू रहता था जिसका शरीर बाकी भालुओं की तरह घने बालों से ढका नहीं था। उसके शरीर पर बहुत कम बाल थे, जिस वजह से दूसरे जानवर उसे चिढ़ाते थे और कहते अरे तू तो भालू जैसा लगता ही नहीं भालू बहुत दुखी रहता, लेकिन उसने कभी किसी को कुछ नहीं कहा। वह बस अकेले ही अपने काम में लगा रहता शहद खोजता मछलियाँ पकड़ता और ठंडी रातों में खुद को गर्म रखने की कोशिश करता। एक दिन जंगल में बहुत भयंकर गर्मी पड़ी। सूरज की तपिश से तालाब सूखने लगे और कई जानवरों को बहुत परेशानी होने लगी। सभी बालों वाले भालू पसीने से तर-बतर हो गए और छाया ढूंढते फिरे लेकिन बिना बाल वाला भालू आराम से घूमता रहा। तभी जंगल के राजा शेर ने कहा आज हमें सबसे समझदार जानवर की जरूरत है जो इस गर्मी से बचने का कोई उपाय निकाल सके बिना बाल वाले भालू ने सोचा और एक उपाय निकाला। उसने जंगल के पेड़ों की सूखी टहनियों और बड़े पत्तों से एक छोटी-छोटी झोपड़ियाँ बनाई जहाँ सभी जानवर आराम कर सकते थे। फिर उसने मिट्टी से छोटे-छोटे तालाब बनाए जिनमें पानी भरकर जानवरों को ठंडक दी। शेर और बाकी जानवर उसकी बुद्धिमानी देखकर बहुत खुश हुए। तब सभी को समझ में आया कि असली ताकत सिर्फ बाहरी रूप में नहीं होती बल्कि दिमाग और अच्छे दिल में होती है। अब कोई भी बिना बाल वाले भालू का मज़ाक नहीं उड़ाता था। सब उसे “बुद्धिमान भालू” कहकर बुलाने लगे।

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