डोमा नाम के घोड़े की कहानी

डोमा नाम के घोड़े की कहानी

Story of horse named Doma


Story of horse named Doma :डोमा नाम के घोड़े की कहानी
किसी समय की बात है एक छोटे से गाँव में एक घोड़ा रहता था जिसका नाम था डोमा। डोमा कोई साधारण घोड़ा नहीं था वह बहुत तेज दौड़ सकता था और अपनी समझदारी के लिए भी मशहूर था। गाँव के बच्चे उसे बहुत प्यार करते थे और अक्सर उसके साथ खेलते थे।
डोमा का मालिक रघु एक किसान था जो उससे बहुत प्यार करता था। वह हर दिन डोमा की अच्छे से देखभाल करता उसे बढ़िया चारा खिलाता और उसकी पीठ थपथपाकर उसे अपनी मेहनत का साथी मानता।
डोमा की परीक्षा
एक दिन राजा के सिपाही गाँव में आए और घोषणा की कि राजा के महल में घुड़दौड़ का एक बड़ा मुकाबला होने वाला है। इसमें जो भी घोड़ा जीतेगा उसे इनाम मिलेगा और उसके मालिक को सम्मानित किया जाएगा।
रघु को यकीन था कि डोमा यह दौड़ जीत सकता है। उसने डोमा को तैयार करना शुरू किया। हर दिन वह उसे अभ्यास करवाता उसकी सेहत का ध्यान रखता और उसे प्रेरित करता।
आखिरकार घुड़दौड़ का दिन आ गया। कई तेज़ और मजबूत घोड़े मैदान में खड़े थे। लेकिन डोमा सबसे अलग था—उसकी आँखों में आत्मविश्वास झलक रहा था। जैसे ही दौड़ शुरू हुई डोमा बिजली की तरह दौड़ा। दूसरे घोड़े उसके पीछे थे लेकिन कोई भी उसकी गति का मुकाबला नहीं कर सका। डोमा ने दौड़ जीत ली

राजा बहुत खुश हुआ और डोमा के मालिक रघु को इनाम देकर सम्मानित किया। पर सबसे ज्यादा खुशी रघु को इस बात की थी कि डोमा ने अपनी मेहनत और लगन से यह जीत हासिल की थी।

शिक्षा
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि मेहनत विश्वास और लगन से कोई भी मंज़िल पाई जा सकती है चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ क्यों न आएँ।

डोमा सिर्फ एक घोड़ा नहीं था वह दृढ़ निश्चय और दोस्ती की मिसाल भी था।


इससे संबंधित इसे भी पढ़े: अनाया नाम कि चूहा कि कहनीं

3 thoughts on “डोमा नाम के घोड़े की कहानी”

Leave a Comment