परी और एक तोते की कहानी : बहुत समय पहले की बात है एक सुंदर जादुई जंगल था जहाँ एक अल्का नाम की परी रहती थी। वह बहुत दयालु और प्यारी थी। उसके सुनहरे पंख सूरज की रोशनी में चमकते थे और जहाँ भी वह जाती वहाँ खुशबू फैल जाती।
अल्का और हरे रंग का तोता
एक दिन जब अल्का जंगल में फूलों से बातें कर रही थी तभी उसे एक बीमार और घायल तोता मिला। उसका एक पंख टूटा हुआ था और वह उड़ नहीं पा रहा था अल्का ने उसे अपनी गोद में उठाया और प्यार से कहा “डरो मत, मैं तुम्हारी मदद करूँगी।” उसने अपने जादुई हाथों से तोते के पंखों पर हल्की रोशनी बिखेरी और कुछ ही क्षणों में तोता ठीक हो गया तोते ने खुशी से कहा “धन्यवाद, परी रानी! मैं तुम्हारा एहसान कभी नहीं भूलूँगा!”
तोते का उपहार
तोता परी का सबसे अच्छा दोस्त बन गया हर सुबह वह अल्का को सुंदर कहानियाँ सुनाता और मीठी-मीठी बातें करता। एक दिन, जंगल में एक दुष्ट राक्षस आया जो पेड़ों को काटकर जंगल नष्ट करना चाहता था परी बहुत चिंतित थी लेकिन तब तोते को एक शानदार विचार आया! उसने जंगल के सारे तोतों को इकट्ठा किया और कहा “अगर हम सब मिलकर तेज़ आवाज़ में चिल्लाएँ, तो राक्षस डरकर भाग जाएगा ” जैसे ही राक्षस पेड़ काटने लगा सैकड़ों तोतों ने जोर जोर से चिल्लाना शुरू कर दिया ‘भागो भागो’ राक्षस को लगा कि यह किसी जादुई शक्ति की चेतावनी है और वह डरकर वहाँ से भाग गया
खुशहाल जंगल
अल्का परी ने तोते को गले लगाया और कहा “तुम मेरी जान बचाने वाले छोटे नायक हो” तोते ने मुस्कराते हुए कहा “मैंने तो बस दोस्ती का फर्ज निभाया” इसके बाद परी और तोता हमेशा साथ रहे और जंगल में खुशियाँ फैलाने लगे।
शिक्षा:
सच्ची दोस्ती सिर्फ जादू से नहीं बल्कि भरोसे और मदद से बनती है। और कभी कभी छोटे से तोते की चतुराई भी किसी महान शक्ति से ज्यादा असरदार हो सकती है
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