अलीबाबा और 40 चोरों की कहानी
Story Of Alibaba And 40 Thieves
Story Of Alibaba And 40 Thieves : अलीबाबा और 40 चोरों की कहानी एक बार फारस देश में अलीबाबा नाम का एक गरीब लकड़हारा रहता था वह हर दिन जंगल में लकड़ियां काटता और उन्हें बेचकर अपनी जीविका चलाता था। एक दिन जब अलीबाबा जंगल में लकड़ियां काट रहा था तो उसने देखा कि कुछ चोरों का एक गिरोह आ रहा है। वह जल्दी से एक पेड़ के पीछे छिप गया और देखा कि चोरों का सरदार एक बड़ी चट्टान के सामने खड़ा होकर कह रहा है खुल जा सिमसिम। जैसे ही उसने यह कहा चट्टान अपने आप खुल गई और सभी चोर अंदर चले गए अलीबाबा ने देखा कि उस गुफा के अंदर बहुत सारा खजाना छिपा हुआ है जब चोर गुफा से बाहर निकलकर चले गए तो अलीबाबा ने भी वही शब्द कहे खुल जा सिमसिम और गुफा के अंदर चला गया। उसने वहाँ से कुछ सोने के सिक्के लिए और चुपचाप अपने घर लौट आया। अलीबाबा ने अपनी पत्नी को सारा किस्सा सुनाया और दोनों ने मिलकर वह धन अपने घर के अंदर छिपा दिया। लेकिन अलीबाबा के भाई कासिम को जब इस बात का पता चला तो उसने भी गुफा में जाकर खजाना लेने का फैसला किया। लेकिन कासिम को गुफा से बाहर निकलते समय खुल जा सिमसिम का मंत्र भूल गया और वह अंदर फंसा रह गया। चोरों ने उसे पकड़ा और मार डाला जब अलीबाबा को अपने भाई के बारे में पता चला तो वह बहुत दुखी हुआ। लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी और अपनी चतुराई से चोरों को हराने का निश्चय किया उसने अपने नौकरानी मरजाना की मदद से चोरों के गिरोह को हराया और अपने परिवार को सुरक्षित रखा इस तरह अलीबाबा ने अपनी चतुराई और साहस से चोरों के खजाने को पाया और अपने परिवार को एक सुखी और समृद्ध जीवन दिया।
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