शेखचिल्ली की मज़ेदार कहानी
Shekhchilli’s funny story
शेखचिल्ली की मज़ेदार :
शेखचिल्ली अपनी भोली-भाली सोच और हसीन सपने देखने की आदत के लिए मशहूर था। एक दिन उसकी माँ ने उसे बाजार जाकर कुछ अंडे बेचने को कहा ताकि कुछ पैसे कमा सके। शेखचिल्ली ने अंडों की टोकरी अपने सिर पर रखी और बाजार की ओर चल पड़ा।
रास्ते में वह सोचने लगा, “जब मैं ये अंडे बेचूंगा तो मुझे अच्छे पैसे मिलेंगे। उन पैसों से मैं एक मुर्गी खरीदूंगा। फिर वह मुर्गी अंडे देगी, उन अंडों से और मुर्गियां निकलेंगी, और मेरा पूरा मुर्गीखाना बन जाएगा। फिर मैं उन मुर्गियों को बेचकर बहुत पैसे कमाऊंगा और एक शानदार घोड़ा खरीदूंगा।”
इतना सोचते-सोचते वह और आगे बढ़ा और फिर सोचने लगा, “जब मेरे पास घोड़ा होगा तो मैं शान से उस पर बैठकर गांव में घूमूंगा। लोग मुझे देखकर जलेंगे और कहेंगे—वाह, शेखचिल्ली कितना अमीर हो गया है! फिर कोई अमीर आदमी अपनी खूबसूरत बेटी का रिश्ता मुझसे कर देगा और हमारी शादी हो जाएगी।”
वह अपने ख्यालों में इतना डूब गया कि खुशी से अपना सिर झटक दिया—और धड़ाम! उसकी टोकरी गिर गई और सारे अंडे फुट गए!
अब बेचारा शेखचिल्ली सिर पकड़कर बैठ गया और सोचने लगा, “सपनों में ही सही, लेकिन मेरा पूरा कारोबार और शादी एक झटके में खत्म हो गई!”
सीख: हवा में महल बनाने से पहले ज़मीन पर सही से खड़े रहना ज़रूरी है!
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