शेखचिल्ली और उसके दादा

शेखचिल्ली और उसके दादा

Sheikh Chilli and his Grandfather


शेखचिल्ली और उसके दादा:  एक दिन शेखचिल्ली अपने दादा के पास गया और बोला,
“दादा, मैं बड़ा आदमी बनना चाहता हूँ, मुझे कोई तरकीब बताइए!”

दादा मुस्कुराए और बोले,
“बेटा, बड़ा आदमी बनने के लिए मेहनत करनी पड़ती है। रोज़ सुबह जल्दी उठो, ईमानदारी से काम करो, और कभी झूठ मत बोलो।”

शेखचिल्ली कुछ देर चुप रहा, फिर बोला,
**”दादा, ये तो बहुत मुश्किल है… कोई आसान तरीका बताइए!”

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दादा हँसने लगे और बोले,
“अच्छा, चलो मैं तुम्हें एक जादुई चीज़ देता हूँ। इसे सिर पर रख कर अगर तुम ईमानदारी से काम करोगे, तो तुम्हारी किस्मत बदल जाएगी!”

फिर दादा ने एक पुरानी टोपी शेखचिल्ली को दी।

शेखचिल्ली बहुत खुश हुआ और अगले दिन टोपी पहन कर बाजार चला गया। वह सोच रहा था कि अब तो उसे बिना मेहनत किए ही दौलत मिल जाएगी।

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वह इधर-उधर घूमता रहा, लेकिन कुछ नहीं हुआ।

शाम को थक-हार कर वापस आ गया और दादा से बोला,
“दादा, आपकी टोपी तो कुछ नहीं करती! मैंने पूरा दिन इसे पहनकर बिताया, फिर भी कुछ नहीं मिला!”

दादा मुस्कुराए और बोले,
“बेटा, जादू टोपी में नहीं, तुम्हारे काम में है। अगर तुम मेहनत करोगे तो बिना टोपी के भी बड़ा आदमी बन सकते हो!”


सीख:

कोई जादू नहीं, मेहनत ही सबसे बड़ा मंत्र है।

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