किसी समय की बात है एक घने जंगल के बीचों-बीच एक रहस्यमयी तालाब था। वह कोई साधारण तालाब नहीं था—उसका पानी चाँदी की तरह चमकता और जब हवा बहती तो उसमें नीले हरे रंग की हल्की रोशनी लहरों पर नाचने लगती। गाँव के लोग उसे “जादुई पारी का तालाब” कहते थे।
तालाब का रहस्य
गाँव में एक नन्ही बच्ची थी जिसका नाम मीरा था। वह बहुत जिज्ञासु थी और हमेशा नई चीज़ें जानने को उत्सुक रहती थी। एक दिन उसने दादी से इस तालाब के बारे में सुना और उसे देखने जंगल में जा पहुँची।
जब वह तालाब के पास पहुँची तो अचानक पानी में हलचल हुई। कुछ चमकीले बुलबुले ऊपर उठे और फिर एक सुंदर परी प्रकट हुई उसकी पंखों से सुनहरी रौशनी निकल रही थी और उसकी मुस्कान चाँदनी की तरह उजली थी।
परियों का उपहार
परी ने मीरा से कहा जो भी इस तालाब के पानी में सच्चे मन से अपनी इच्छा बोलेगा उसकी मनोकामना पूरी होगी
मीरा ने आँखें बंद कीं और मन ही मन बोली काश मेरे गाँव में कभी भी पानी की कमी न हो और हर कोई खुशहाल रहे
जैसे ही उसने यह कहा तालाब की लहरें हल्की हल्की चमकने लगीं परी ने आशीर्वाद दिया और तभी से गाँव में कभी पानी की समस्या नहीं हुई। तालाब का पानी हमेशा साफ और मीठा बना रहा जिससे गाँव के लोग खुशहाल जीवन जीने लगे।
शिक्षा
यह कहानी हमें सिखाती है कि यदि हमारी इच्छाएँ निःस्वार्थ और दूसरों की भलाई के लिए हों, तो सच्चे मन से माँगी गई हर दुआ पूरी हो सकती है।
आज भी कहते हैं कि जो भी तालाब के किनारे सच्चे दिल से प्रार्थना करता है परी उसकी मनोकामना पूरी कर देती है
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