शेर और चूहे की नाव

शेर और चूहे की नाव

Lion and Mouse Boat


शेर और चूहे की नाव : एक बार की बात है एक जंगल में एक शेर और एक चूहा रहते थे शेर बहुत बलशाली और अभिमानी था जबकि चूहा छोटा लेकिन चतुर था। एक दिन शेर नदी के किनारे टहल रहा था उसने देखा कि नदी के पार एक सुंदर जंगल है जहां मीठे फल और शीतल छाया थी। शेर ने सोचा अगर मैं नदी पार कर लूं तो वहां मजे कर सकता हूँ। लेकिन समस्या यह थी कि नदी बहुत गहरी थी और शेर तैर नहीं सकता था। तभी वहां चूहा आ गया। उसने शेर से पूछा महाराज आप इतने परेशान क्यों दिख रहे हैं
शेर ने गुस्से से कहा छोटे जीव तुम्हें इससे क्या मैं अपनी समस्या खुद सुलझा सकता हूँ चूहा मुस्कुराया और बोला अगर आप चाहें तो मैं आपकी मदद कर सकता हूँ। शेर हँस पड़ा तू मेरी मदद करेगा तू इतना छोटा है तुझे तो मैं अपनी दाढ़ी में भी खो सकता हूँ लेकिन चूहे ने समझदारी से कहा बुद्धि से बड़ा कोई बल नहीं होता महाराज मेरी बात सुनिए। शेर ने चूहे को मौका देने का निश्चय किया चूहे ने लकड़ियों और पत्तों से एक छोटी सी नाव बनाई और कहा अब इस पर बैठिए मैं इसे किनारे तक धकेल दूंगा शेर को पहले यकीन नहीं हुआ लेकिन उसके पास और कोई उपाय भी नहीं था। वह नाव पर बैठ गया और चूहा अपनी पूरी ताकत से नाव को धकेलने लगा। धीरे धीरे नाव पानी में आगे बढ़ने लगी। नदी के बीच में पहुँचते ही अचानक तेज़ लहरें उठीं और नाव डगमगाने लगी। शेर डर गया लेकिन चूहे ने धैर्य से नाव को संतुलित किया और सुरक्षित किनारे पर पहुँचा दिया। शेर ने राहत की साँस ली और चूहे से कहा आज तुमने मुझे सिखाया कि शक्ति से ज्यादा बुद्धि महत्वपूर्ण होती है अब से मैं तुम्हें छोटा जीव नहीं समझूंगा तब से शेर और चूहा अच्छे मित्र बन गए और हमेशा एक-दूसरे की मदद करने लगे।

शिक्षा:

बल से ज्यादा बुद्धि की ताकत होती है और हर कोई चाहे छोटा हो या बड़ा महत्वपूर्ण होता है।

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