घायल कबूतर
Injured Pigeon
घायल कबूतर : एक हरे भरे जंगल के पास एक शांत गाँव था। गाँव के किनारे एक विशाल पीपल का पेड़ था जिस पर कई पक्षी रहते थे उन्हीं में से एक था एक सुंदर सफेद कबूतर जो हर दिन आकाश में उड़ता और खुशी से गाना गाता
अनहोनी घटना
एक दिन गाँव में कुछ शिकारी आए। वे पक्षियों को पकड़ने के लिए जाल बिछा रहे थे। उसी दौरान कबूतर ने उन्हें देख लिया और जल्दी से उड़ने की कोशिश की लेकिन एक शिकारी ने तीर चला दिया। तीर उसके पंख में लग गया और वह दर्द से तड़पता हुआ ज़मीन पर गिर पड़ा।
दयालु बालक
उसी समय गाँव का एक छोटा लड़का अमित वहाँ से गुज़र रहा था। उसने घायल कबूतर को देखा और तुरंत उसे अपनी गोद में उठा लिया। कबूतर दर्द से कराह रहा था लेकिन अमित ने बड़े प्यार से उसके पंख से तीर निकाला और उसे अपने घर ले गया। अमित ने अपनी माँ की मदद से कबूतर के घाव पर हल्दी और दवा लगाई। कुछ दिनों तक उसने कबूतर की देखभाल की उसे प्यार से दाना-पानी दिया। धीरे-धीरे कबूतर ठीक होने लगा
मुक्ति का पल
एक दिन कबूतर ने अपने पंख फड़फड़ाए और उड़ने की कोशिश की अब वह पूरी तरह से ठीक हो चुका था अमित उसे लेकर अपने घर के आँगन में गया और प्यार से बोला जाओ अब तुम आज़ाद हो कबूतर ने अमित की ओर देखा जैसे उसे धन्यवाद कह रहा हो और फिर पंख फैलाकर आकाश में उड़ गया। जाते जाते उसने एक बार पीछे मुड़कर देखा और फिर ऊँचाइयों में विलीन हो गया।
शिक्षा
दयालुता सबसे बड़ी ताकत होती है। यदि हम प्रेम और करुणा से किसी की मदद करें तो दुनिया और भी सुंदर बन सकती है।
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