भूत के बच्चे की पालतू गाय : बहुत समय पहले, एक घने जंगल के पास एक पुरानी हवेली थी, जहाँ एक छोटा भूत “गोलू” अपनी मम्मी के साथ रहता था। लेकिन गोलू बाकी भूतों की तरह डरावना नहीं था। उसे अजीबोगरीब शरारतों के बजाय जानवरों से दोस्ती करना पसंद था।
गोलू और उसकी पालतू गाय
एक दिन गोलू को जंगल में एक छोटी सफेद गाय मिली, जो बहुत प्यारी और मासूम थी। वह भूखी थी और इधर उधर घबराई हुई घूम रही थी। गोलू को उस पर दया आ गई और वह उसे अपने साथ हवेली ले आया। गोलू ने उसका नाम गुड़िया रखा और हर रोज उसे हरी हरी घास लाकर खिलाने लगा। धीरे धीरे दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। गोलू जब भी हवेली में इधर उधर उड़ता तो गुड़िया उसे देख कर “माँ.. माँ” करके खुशी से आवाज़ निकालती।
गाँववालों का डर
गाँव के लोग जब हवेली के पास से गुजरते तो देखते कि एक गाय अपने आप ही हवा में उठती कभी अकेले दूध दुह लिया जाता, तो कभी उसके लिए खुद ही घास आ जाती। गाँव के लोग डर गए और सोचने लगे कि हवेली में कोई जादू या भूत है!
सच का खुलासा
एक दिन एक नन्ही बच्ची अपनी गुड़िया खोजते हुए हवेली में चली गई। उसने देखा कि गोलू प्यार से गाय को सहला रहा था और उसे खाना खिला रहा था। बच्ची ने हँसकर कहा “अरे! तुम तो बहुत अच्छे हो!” गोलू ने बताया कि वह सिर्फ जानवरों से प्यार करता है और किसी को डराना नहीं चाहता। जब गाँववालों को यह पता चला तो वे भी डरना छोड़कर गोलू से मिलने आने लगे। अब गुड़िया अकेली नहीं थी बल्कि गाँव के लोग भी उसे प्यार से चारा खिलाने लगे।
शिक्षा:
हर भूत बुरा नहीं होता और हर डरावनी चीज़ खतरनाक नहीं होती! प्यार और दोस्ती हर डर को मिटा सकती है