अलीबाबा,तेनालीराम और शेख चिल्ली का झगड़ा
Fight between Alibaba, Tenaliram and Sheikh Chilli
अलीबाबा, तेनालीराम और शेख चिल्ली का झगड़ा : तीनों अपने-अपने समय के मशहूर और चतुर पात्र हैं। अब सोचिए अगर ये तीनों किसी झगड़े में उलझ जाएं, तो क्या होगा? आइए, एक मजेदार कहानी के रूप में इसे जानते हैं
एक दिन तीनों महान हस्तियां अलीबाबा तेनालीराम और शेख चिल्ली एक ही सराय में ठहरे तीनों अलग अलग जगहों से आए थे लेकिन संयोग से उनकी मुलाकात हो गई पहले तो वे हंसी मजाक करने लगे लेकिन फिर यह बहस में बदल गया कि कौन सबसे ज्यादा होशियार और चालाक है।
अलीबाबा बोला: मैंने 40 चोरों की गुफा का राज खोजा और सोने के खजाने पर कब्जा किया मेरी चतुराई की वजह से ही मैं आज अमीर हूँ।
तेनालीराम मुस्कराया और बोला: राजा कृष्णदेव राय के दरबार में मैंने अपनी बुद्धिमानी से कई समस्याएं हल की हैं कई बार मैंने अपने चतुर दिमाग से राजा को भी चौंका दिया
शेख चिल्ली ने हंसते हुए कहा: तुम दोनों की कहानियां तो सुनी सुनाई लगती हैं लेकिन मेरी कल्पनाओं की दुनिया में मैं महल बना सकता हूँ राजा बन सकता हूँ और कुछ भी कर सकता हूँ।
तीनों अपनी अपनी बहादुरी और चतुराई की कहानियां सुनाने लगे। धीरे धीरे यह बहस झगड़े में बदल गई। तभी वहाँ एक बूढ़ा साधु आ गया वह मुस्कराया और बोला बेटा असली बुद्धिमान वही है जो दूसरों की भलाई करे न कि केवल अपनी चतुराई का दिखावा करे। अगर तुम सच में होशियार हो तो इस गाँव की समस्या हल करो। यहाँ के लोग बहुत गरीब हैं। तीनों ने मिलकर गाँव के लोगों की मदद करने की ठानी। अलीबाबा ने अपने खजाने से गरीबों को सोना दिया तेनालीराम ने राजा से मदद दिलवाई और शेख चिल्ली ने सबका मनोबल बढ़ाया। इस तरह उनका झगड़ा खत्म हुआ और वे समझ गए कि असली चतुराई सिर्फ चालाकी में नहीं बल्कि लोगों की भलाई में है।