Evil fairy scares the villagers : बुरी परी का गाँव वालों को डरना
बहुत समय पहले एक छोटे से गाँव में लोग खुशी खुशी रहते थे गाँव के पास एक घना जंगल था जिसमें एक रहस्यमयी काले पानी का तालाब था। बुज़ुर्गों का कहना था कि वहाँ एक बुरी परी का वास था जो अंधेरे से बनी थी और जिसकी हँसी सुनकर ही लोग काँप जाते थे।
डरावनी रात
गाँव के लोग तालाब के पास जाने से डरते थे क्योंकि जिसने भी वहाँ कदम रखा वह वापस नहीं लौटा। रात होते ही जंगल से अजीब सी फुसफुसाहट और डरावनी हँसी सुनाई देती।
एक दिन गाँव के कुछ बहादुर नौजवानों ने फैसला किया कि वे इस रहस्य को सुलझाएँगे। वे मशालें लेकर तालाब की ओर बढ़े। जैसे ही वे पास पहुँचे अचानक हवा ठंडी हो गई और आसमान पर काले बादल छा गए।
बुरी परी का प्रकट होना
अचानक तालाब से एक काली छाया निकली जिसकी आँखें जलती लाल रोशनी की तरह चमक रही थीं। वह बुरी परी थी उसने गूँजती आवाज़ में कहा तुम्हारी हिम्मत कैसे हुई मेरे पास आने की
गाँववाले डर के मारे काँपने लगे लेकिन उनमें से एक वीर नाम का युवक हिम्मत जुटाकर बोला हम डरकर जीना नहीं चाहते तुम हमें क्यों सताती हो
बुरी परी का राज़
परी ज़ोर से हँसी और बोली क्योंकि तुमने मेरी दुनिया छीन ली फिर उसने अपनी कहानी बताई—वह पहले एक अच्छी परी थी लेकिन जब लोगों ने जंगल के पेड़ काट दिए और तालाब को गंदा कर दिया तो उसका दिल पत्थर का हो गया। अब वह बदला लेने के लिए गाँववालों को डराती थी।
डर का अंत
वीर और बाकी गाँववालों ने अपनी गलती समझी। उन्होंने जंगल को फिर से हरा भरा करने का वादा किया और तालाब को साफ करना शुरू किया। धीरे धीरे बुरी परी की काली छाया हल्की पड़ने लगी और एक दिन वह फिर से एक सुंदर परी में बदल गई।
अब गाँव में फिर से खुशहाली लौट आई लेकिन लोग हमेशा इस बात को याद रखते थे प्रकृति से खिलवाड़ करोगे तो उसका गुस्सा सहना पड़ेगा
और तब से गाँववालों ने कभी जंगल को नुकसान नहीं पहुँचाया
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