भूत का काला जादू : गाँव के किनारे एक पुरानी, टूटी-फूटी हवेली थी जिसे लोग “भूतिया हवेली” कहते थे। गाँव वाले कहते थे कि वहाँ एक खूंखार भूत रहता है जो काले जादू में माहिर है
जिज्ञासु रमेश
गाँव में रमेश नाम का एक बहादुर लड़का था। वह इन भूत-प्रेत की कहानियों पर विश्वास नहीं करता था। एक दिन उसने सोचा “मुझे खुद जाकर देखना चाहिए कि इस हवेली में क्या सच में भूत है
हवेली के अंदर
रात को रमेश हवेली में दाखिल हुआ। अंदर घना अंधेरा था खिड़कियाँ टूटी हुई थीं और हवा से अजीब आवाज़ें आ रही थीं। अचानक, एक गहरी हँसी गूँजी— ‘हा हा हा… कौन मेरी हवेली में घुस आया?’ रमेश घबरा गया लेकिन हिम्मत रखकर आगे बढ़ा। तभी उसने देखा एक काले कपड़ों में छाया जैसी आकृति हवा में तैर रही थी
काले जादू का रहस्य
भूत ने कहा “मैं इस हवेली का मालिक हूँ! मेरे पास काले जादू की ताकत है। जो भी यहाँ आता है, वह हमेशा के लिए गायब हो जाता है!” रमेश डरते हुए बोला “अगर तुम सच में शक्तिशाली हो तो मुझे सोने में बदल कर दिखाओ!” भूत ने काले जादू का मंत्र पढ लेकिन जैसे ही उसने हाथ हिलाया रमेश ने जेब से एक पवित्र ताबीज निकाल लिया। भूत चिल्लाने लगा “नहीं! यह मुझे कमजोर कर देगा!” और कुछ ही पलों में वह गायब हो गया।
गाँव की जीत
रमेश ने गाँव आकर सबको बताया कि भूत सिर्फ एक बुराई का प्रतीक था जो डर का फायदा उठाता था। लोग समझ गए कि डरने के बजाय हमें सच्चाई और साहस से काम लेना चाहिए
शिक्षा:
डर का सामना करने से ही असली जीत मिलती है।
अंधविश्वास की जगह हमेशा तर्क और हिम्मत से काम लेना चाहिए।
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