टकला भूत की कहानी
Atrichous Ghost Story
टकला भूत की कहानी : बहुत समय पहले की बात है एक छोटे से गाँव में एक पुरानी हवेली थी। लोग कहते थे कि वहाँ एक टकला भूत रहता है जिसकी चमचमाती गंजे सिर पर चाँदनी रात में रोशनी पड़ती थी। कोई भी उस हवेली के पास जाने की हिम्मत नहीं करता था क्योंकि जो भी अंदर जाता वह डर के मारे कांपता हुआ लौटता।
रात का रहस्य
गाँव के लड़के-लड़कियाँ अक्सर आपस में शर्त लगाते कि कौन हवेली के अंदर जाएगा। एक दिन तीन दोस्त—रवि सुरेश और मोहन ने तय किया कि वे इस रहस्य को सुलझाएंगे रात के अंधेरे में तीनों दोस्त हाथ में टॉर्च लेकर हवेली पहुँचे। हवेली का दरवाजा चरमराया और अपने आप खुल गया। अंदर घना अंधेरा था और हल्की हल्की हवा चल रही थी। जैसे ही वे अंदर गए अचानक एक अजीब सी गूंजती हुई हंसी सुनाई दी “हाहाहा! कौन आया है मेरी हवेली में?”
टकले भूत का डरावना रूप
तीनों दोस्तों के शरीर में झुरझुरी दौड़ गई। उन्होंने टॉर्च घुमाई तो सामने एक बिल्कुल टकला लंबा चौड़ा भूत खड़ा था। उसकी आँखें चमक रही थीं और उसका सिर इतनी तेज रोशनी फैला रहा था कि टॉर्च की जरूरत ही नहीं थी। रवि डर के मारे चिल्लाया, “भूत… भूत…!” लेकिन तभी भूत ने कहा, “डरो मत, मैं किसी को नुकसान नहीं पहुँचाता!”
टकले भूत का राज
भूत ने बताया कि वह राजा हरिराम की आत्मा है जिसे कई साल पहले उसके ही नौकरों ने धोखा देकर मार दिया था। जब से उसकी आत्मा यहाँ भटक रही थी तब से लोग उसे देखकर डर जाते थे। तीनों दोस्तों को उस पर दया आ गई। उन्होंने गाँव के बुजुर्गों को सारी बात बताई। गाँव के पंडित ने एक पूजा करवाई जिससे टकले भूत की आत्मा को शांति मिली और वह हमेशा के लिए मुक्त हो गया।
शिक्षा:
हर डरावनी चीज़ भूत नहीं होती। कभी-कभी सच्चाई जानने के बाद डर दूर हो जाता है।
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