सच्चाई का फल (The fruit of truth)

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक गरीब किसान रहता था। उसके पास थोड़ी-सी ज़मीन थी, जिसमें वह मेहनत से खेती करता था। एक दिन जब वह खेत जोत रहा था, उसे एक बर्तन मिला। बर्तन देखने में साधारण था, लेकिन जब उसने उसमें एक सिक्का डाला, तो वह सोने का बन गया। किसान खुश हो गया और बर्तन को लेकर घर चला आया।

किसान ने सोचा कि वह अब अमीर हो जाएगा। उसने एक-एक करके अपने सभी सिक्के उस बर्तन में डाले और वे सब सोने के हो गए। किसान का जीवन बदल गया, लेकिन उसने इस बात को किसी से नहीं बताया। एक दिन उसके लालची पड़ोसी ने किसान के घर में बर्तन देखा और उसे चुराने की कोशिश की। परंतु जब उसने बर्तन में पत्थर डाला, तो वह पत्थर जहर में बदल गया और उसके स्पर्श से वह वहीं मर गया।

शिक्षा: लालच बुरी बला है और सच्चाई का फल हमेशा मीठा होता है।

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