नन्हा मुन्ना हाथी आया,
झूम-झूमकर नाच दिखाया।
बड़े कान और लंबी सूँड़,
करता रहता अपनी धुन।
चलता है वो मस्ती में,
झूमता है वो बस्ती में।
सबको हँसता-हँसता देखे,
अपनी चाल में मस्त रहे।
बच्चे उसको खूब मनाते,
सूँड़ पकड़कर खेल खिलाते।
खुश होकर वो सूँड़ हिलाता,
फिर सबको वो प्यार जताता।
हाथी राजा बड़ा सयाना,
सबका प्यारा, सबसे न्यारा।
नन्हा मुन्ना हाथी आया,
झूम-झूमकर नाच दिखाया।
यह कविता बच्चों को हाथी की मजेदार मस्ती और उसके साथ के खेल के बारे में बताती है, जो बच्चों को बहुत भाएगी।