एक गाँव में एक छोटी सी मुर्गी रहती थी, जिसका नाम था चिकी। चिकी बहुत मेहनती थी, लेकिन उसके सभी दोस्त जैसे कुत्ता, बिल्ली, और बत्तख बहुत आलसी थे। एक दिन चिकी को गेहूं का एक दाना मिला। उसने सोचा कि वह इसे बोकर अनाज उगाएगी।
चिकी ने अपने दोस्तों से मदद मांगी, लेकिन सबने बहाने बनाकर मना कर दिया। चिकी ने अकेले ही बीज बोए, फसल काटी, और अनाज पीसकर आटा बनाया। जब आटे से रोटी बन गई, तो उसके सारे दोस्त खाने के लिए आ गए।
चिकी ने उन्हें याद दिलाया कि उन्होंने उसकी मदद नहीं की थी, इसलिए वे रोटी खाने के हकदार नहीं हैं। दोस्तों को अपनी गलती का एहसास हुआ, और उन्होंने माफी मांगी।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मेहनत करने का फल मीठा होता है, और हमें किसी भी काम में दूसरों की मदद जरूर करनी चाहिए।