दो अच्छे दोस्त (Two good friends)

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में दो अच्छे दोस्त रहते थे – सोनू और मोनू। सोनू बहुत समझदार और शांत स्वभाव का था, जबकि मोनू थोड़ा चंचल और जल्दबाजी में रहने वाला था। दोनों एक दूसरे के बहुत अच्छे मित्र थे और हर काम साथ में करते थे।

एक दिन उन्होंने सोचा कि क्यों न जंगल में घूमने जाया जाए। दोनों जंगल की सैर पर निकल पड़े। रास्ते में उन्हें एक बड़ा पेड़ दिखा। मोनू ने सोचा कि क्यों न उस पेड़ पर चढ़ा जाए। सोनू ने उसे समझाया, “जंगल में इस तरह बिना सोचे-समझे कुछ करना खतरनाक हो सकता है। हमें सावधान रहना चाहिए।” लेकिन मोनू ने उसकी बात नहीं सुनी और पेड़ पर चढ़ने लगा। अचानक एक डाल टूट गई, और मोनू गिर पड़ा। उसे चोट लग गई।

सोनू तुरंत उसकी मदद के लिए दौड़ा और उसे उठाया। उसने मोनू से कहा, “देखा, जल्दबाजी में किया गया काम हमेशा नुकसान पहुंचाता है।” मोनू को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने सोनू से माफी मांगी।

उस दिन से मोनू ने सीखा कि किसी भी काम को सोच-समझकर करना चाहिए और अपने दोस्त की सलाह माननी चाहिए। दोनों दोस्त वापस गाँव लौट आए और फिर से साथ मिलकर हँसी-खुशी जीवन जीने लगे।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि दोस्ती में सलाह और समझ का महत्व होता है, और जल्दबाजी में किया गया काम हमेशा नुकसान पहुँचाता है।

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