हाथी बना हेडमास्टर

हाथी बना हेडमास्टर

Elephant Becomes Headmaster


हाथी बना हेडमास्टर : गजराज नाम का एक बुद्धिमान हाथी घने जंगल में रहता था। वह बाकी जानवरों से अलग था क्योंकि उसे पढ़ाई में बहुत रुचि थी। जब बाकी जानवर खेलते गजराज पेड़ों की छाल पर अपनी सूंड से अक्षर लिखने की कोशिश करता। वह हमेशा सोचता अगर जंगल के जानवर पढ़ लिख जाएँ तो हमारा जीवन कितना अच्छा हो जाएगा

जंगल में स्कूल की जरूरत

एक दिन जंगल में रहने वाले सभी जानवरों ने महसूस किया कि उनके बच्चों को भी शिक्षा मिलनी चाहिए। लेकिन समस्या यह थी कि कोई शिक्षक नहीं था उल्लू बहुत ज्ञानी था मगर दिन में सोता रहता था बंदर बहुत शरारती था और पढ़ाई में ध्यान नहीं देता था तभी हिरण ने सुझाव दिया हमारे बीच सबसे समझदार और धैर्यवान गजराज ही शिक्षक बनने के लिए सबसे योग्य हैं

गजराज बना हेडमास्टर

सभी जानवरों की सहमति से जंगल में एक स्कूल बनाया गया और गजराज को हेडमास्टर बना दिया गया। उसने स्कूल का नाम रखा जंगल ज्ञान मंदिर गजराज ने पढ़ाने का अनोखा तरीका अपनाया तोते को भाषा सिखाई ताकि वह बाकी जानवरों को पढ़ा सके गिलहरी को गणित सिखाया क्योंकि वह तेजी से गिनती कर सकती थी बंदर को विज्ञान पढ़ाया क्योंकि वह पेड़ों और प्रकृति को अच्छी तरह समझता था।

शिक्षा से जंगल में बदलाव

धीरे-धीरे जंगल के सभी बच्चे पढ़ने लगे अब वे शिकारियों के जाल पहचानने लगे और बहकावे में नहीं आते थे जंगल पहले से ज्यादा सुरक्षित और संगठित हो गया

सम्मान और प्रेरणा

एक दिन जंगल में राजा शेर ने गजराज को बुलाया और कहा तुम सिर्फ जंगल के हेडमास्टर नहीं बल्कि हमारे मार्गदर्शक भी हो  इसके बाद गजराज की मूर्ति जंगल के स्कूल के बाहर लगाई गई ताकि आने वाली पीढ़ियाँ उससे प्रेरणा ले सकें।

सीख:

शिक्षा सबसे बड़ी ताकत होती है। सही ज्ञान से हर कोई अपनी और अपने समाज की तकदीर बदल सकता है

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