गाँव के छोटे से घर में अचानक अजीब घटनाएँ होने लगीं खाना कहीं गायब हो जाता कपड़ों में छोटे-छोटे छेद हो जाते और रात को अजीब-अजीब आवाजें सुनाई देतीं। पहले तो घरवालों ने इसे सामान्य समझ लेकिन जब बर्तन गिरने लगे और अनाज के बोरों में बड़े-बड़े छेद नजर आने लगे तब सबको चिंता हुई। एक रात रमेश ने हिम्मत जुटाकर टॉर्च ली और रसोई में गया। उसने देखा एक बड़ा काला चूहा अनाज के बोरे में घुसा हुआ था। लेकिन जब उसने टॉर्च की रोशनी डाली तो चूहा एक इधर-उधर देखने लगा मगर भागा नहीं रमेश को समझते देर न लगी—ये चूहा अंधा था अंधे चूहे ने पूरे घर में आतंक मचा रखा था। वह किसी से नहीं डरता था क्योंकि उसे दिखता ही नहीं था कि कोई उसे पकड़ने आ रहा है घरवाले जितना उसे भगाने की कोशिश करते वह उतना ही बेखौफ होकर इधर-उधर दौड़ता आखिरकार दादी ने एक उपाय बताया। उन्होंने कहा अगर यह चूहा देख नहीं सकता तो इसे किसी ऐसी जगह ले चलो जहाँ यह अपने खाने की गंध न सूँघ सके रमेश और उसके पिता ने बड़ी चालाकी से उस अंधे चूहे को पकड़कर दूर खेतों में छोड़ दिया। और इस तरह घर में शांति लौट आई। लेकिन गाँव में यह कहानी मशहूर हो गई अंधे चूहे का आतंक
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