कुत्ता और साँप की दोस्ती

कुत्ता और साँप की दोस्ती

Dog and snake friendship


Dog and snake friendship : कुत्ता और साँप की दोस्ती किसी घने जंगल के किनारे एक छोटा-सा गाँव था। गाँव के बाहर एक पुराना कुआँ था जिसमें एक साँप रहता था। कुएँ के पास एक कुत्ता भी रहता था जो हमेशा उस कुएँ की रखवाली करता था। धीरे धीरे दोनों में दोस्ती हो गई।

हर दिन साँप कुएँ से बाहर झाँकता और कुत्ता अपनी पूँछ हिलाते हुए उसका स्वागत करता। उनकी यह अजीब सी दोस्ती गाँव में मशहूर हो गई।

एक दिन…

कुछ चोर गाँव में चोरी की योजना बनाने लगे। उन्हें पता था कि कुएँ के पास खज़ाना छुपा है। आधी रात को चोर कुएँ के पास आए।

कुत्ते ने उनकी आवाज़ सुन ली और ज़ोर ज़ोर से भौंकने लगा। साँप भी तुरंत बाहर आया और फुफकारते हुए चोरों को डराने लगा। चोर घबरा गए और भाग गए।

सुबह गाँववाले आए और सारा माजरा समझ गए। सबने कुत्ते और साँप की बहादुरी की तारीफ की।

सीख:

सच्ची दोस्ती किसी भी मुश्किल समय में काम आती है, चाहे दोस्त अलग-अलग हों।


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