शेख चिल्ली और अंधा घोड़ा

शेख चिल्ली और अंधा घोड़ा

Sheikh Chilli and the blind horse


Sheikh Chilli and the blind horse : शेख चिल्ली और अंधा घोड़ा
एक बार की बात है शेख चिल्ली को एक घोड़ा खरीदने का शौक हुआ। वह बाज़ार गया और वहाँ उसे एक घोड़ा बेहद सस्ता मिल गया। लेकिन वह घोड़ा अंधा था। शेख चिल्ली ने सोचा सस्ता है कुछ न कुछ काम आ ही जाएगा और उसने घोड़ा खरीद लिया।
अब शेख चिल्ली ने सोचा कि घोड़े से पैसे कमाने चाहिए। उसने एक अनोखा तरीका निकाला। वह बोला यह कोई आम घोड़ा नहीं है। यह जादुई घोड़ा है। यह आपको वहाँ ले जाएगा जहाँ आप सोचेंगे
शेख चिल्ली ने गाँव में यह बात फैला दी। लोग आश्चर्य में पड़ गए और घोड़े की सवारी करने के लिए पैसे देने लगे। लेकिन जैसे ही कोई उस पर बैठता घोड़ा इधर उधर टकराकर भागता क्योंकि वह अंधा था। सवारी गिर जाती और चोट खा बैठती। लोग समझ गए कि शेख चिल्ली ने उन्हें मूर्ख बनाया है।
गाँववालों ने शेख चिल्ली को पकड़कर डांटा और कहा तुमने हमें धोखा दिया शेख चिल्ली ने हँसते हुए कहा मैंने कब कहा कि यह सही रास्ता दिखाएगा मैंने तो बस कहा था कि यह वहाँ ले जाएगा जहाँ आप सोचेंगे। आप सही सोचते ही नहीं थे

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