एक चुहिया और एक चींटी

एक चुहिया और एक चींटी

A mouse and an ant


एक बार की बात है एक छोटे से गाँव में एक चुहिया और एक चींटी रहती थीं दोनों अच्छे दोस्त थे चुहिया हमेशा जल्दी-जल्दी काम करती थी जबकि चींटी धीरे-धीरे लेकिन निरंतर मेहनत करती थी चुहिया अक्सर चींटी का मजाक उड़ाती थी कि वह बहुत धीरे-धीरे काम करती है और कहती थी “इतना धीरे-धीरे काम करने से क्या मिलेगा चींटी बहन?
चींटी मुस्कराती और अपने काम में जुटी रहती वह सर्दियों के लिए अनाज इकट्ठा करने में लगी रहती थी जबकि चुहिया दिन भर इधर-उधर घूमती रहती थी और खेलती थी। गर्मियों के दिन चल रहे थे और चुहिया को लगता था कि खाने-पीने की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है
समय बीतता गया और धीरे-धीरे गर्मी का मौसम खत्म हो गया अब सर्दियाँ आ गईं और तापमान धीरे-धीरे गिरने लगा सर्दियों में भोजन पाना मुश्किल हो गया और चुहिया के पास खाने के लिए कुछ भी नहीं था भूख और ठंड के कारण चुहिया परेशान हो गई और इधर-उधर भटकने लगी
एक दिन चुहिया ने देखा कि चींटी के घर में बहुत सारा अनाज भरा हुआ है उसने चींटी से मदद मांगी और कहा “चींटी बहन मैं भूखी हूँ कृपया मुझे थोड़ा अनाज दे दो। मैं सर्दियों के लिए कुछ भी नहीं इकट्ठा कर पाई हूँ
चींटी ने चुहिया की हालत देखी और सोचा। उसने चुहिया से कहा “चुहिया बहन मैंने तो तुम्हें पहले ही चेतावनी दी थी कि सर्दियों के लिए अनाज इकट्ठा कर लो लेकिन तुमने मेरी बात पर ध्यान नहीं दिया और समय बर्बाद कर दिया
चुहिया ने अपनी गलती मानी और चींटी से माफी मांगी उसने कहा “मुझे अपनी गलती का एहसास हो गया है मैं समझ गई हूँ कि मेहनत और प्रबंधन कितना महत्वपूर्ण है कृपया मुझे माफ कर दो और थोड़ा अनाज दे दो मैं वादा करती हूँ कि भविष्य में मेहनत करूंगी और अपनी जिम्मेदारियों को समझूंगी।”
चींटी ने चुहिया की सच्ची भावना को समझा और उसे अनाज दे दिया चुहिया ने चींटी का धन्यवाद किया और वादा किया कि वह अब से मेहनत करेगी और सर्दियों के लिए अनाज इकट्ठा करेगी इस अनुभव के बाद चुहिया ने अपने तरीके बदल दिए और मेहनत करने लगी
इस कहानी से हमें यह शिक्षा मिलती है कि मेहनत और प्रबंधन जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हैं। हमें वर्तमान का आनंद लेते हुए भविष्य की चिंताओं का भी ध्यान रखना चाहिए। सच्ची मित्रता और सहयोग से ही समस्याओं का समाधान हो सकता है।
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