कबीर दास का जीवन परिचय
Biography of Kabir Das
कबीर दास : कबीर दास का जीवन परिचय
एक प्रमुख हिंदी साहित्यकार और दीनदयाल समाज के संस्थापक थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1440 ईस्वी में कटुआ, बुंदेलखंड, भारत में हुआ था। कबीर ने अपने जीवन में अनेक चुनौतियों का सामना किया और उनके दीनदयाल समाज ने उनके विचारों को और भी फैलाया।
अपने जीवन के अधिकांश वर्ष भ्रष्टाचार, जातिवाद और असमानता के विरुद्ध लिखा और बजाया। उनके गीतों में उन्होंने समाज के विभिन्न वर्गों के लिए एकता और समानता की आहुति दी है। कबीर दास का जीवन और उनके विचार आज भी उनके गीतों के माध्यम से जाने के लिए जाता है।
कबीर दास के प्रमुख विचार:
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समानता और एकता: धर्म और वर्ग के विभाजन के खिलाफ थे। उन्होंने अपने विचारों में एकता और समानता पर जोर दिया और यह प्रचार किया कि सभी मनुष्यों में एक ही परमात्मा का अंश है।
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ज्ञान और भक्ति: ज्ञान और भक्ति को महत्व दिया। उनका मानना था कि सच्चे भक्त को अपने आराध्य के प्रति प्रेम और सच्चाई के मार्ग पर चलना चाहिए।
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आडंबर और अंधविश्वास का विरोध: उन्होंने धार्मिक आडंबर और अंधविश्वासों का विरोध किया। उनका कहना था कि भगवान की प्राप्ति के लिए साधारण जीवन और सच्ची भक्ति पर्याप्त है।
कबीर दास की रचनाएँ:
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बीजक: सबसे प्रसिद्ध रचना है जिसमें उनके दोहे और साखियाँ संकलित हैं। यह उनके विचारों का प्रमुख संग्रह है।
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साखी: साखियों में संक्षिप्त और सूक्ष्म विचार संकलित हैं। इनमें जीवन, धर्म, भक्ति और मानवता के बारे में गहरे अर्थ होते हैं।
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दोहे: दोहे भारतीय साहित्य में अमूल्य हैं। ये दोहे सरल भाषा में गहरी बात कहने का माध्यम हैं।
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