बूढ़े भालू की कहानी

बूढ़े भालू की कहानी

old bear story


बूढ़े भालू की कहानी :-
एक घने जंगल में एक बूढ़ा भालू रहता था। उसका नाम भोलू था। जब वह जवान था, तब वह बहुत ताकतवर और फुर्तीला था। पूरे जंगल के जानवर उससे डरते थे। लेकिन अब वह बूढ़ा हो गया था, उसके दाँत कमजोर हो गए थे और दौड़ने की ताकत भी नहीं बची थी।
एक नया दोस्त भोलू अब अकेला महसूस करने लगा था। कोई भी जानवर उससे मिलने नहीं आता था, क्योंकि सब उसे बेकार समझने लगे थे। लेकिन एक दिन, जंगल में एक छोटा खरगोश आया, जिसका नाम गोलू था। वह भोलू से डरने के बजाय उससे दोस्ती करने लगा।
मुसीबत का समय
एक दिन जंगल में कुछ शिकारी आए। उन्होंने जाल बिछाया और बहुत सारे जानवरों को पकड़ने की कोशिश करने लगे। गोलू भी जाल में फँस गया। जब भोलू ने यह देखा, तो वह अपनी पूरी ताकत लगाकर शिकारी के सामने खड़ा हो गया।
उसकी दहाड़ सुनकर शिकारी डर गए और भाग गए। फिर भोलू ने अपने नुकीले पंजों से जाल को काटा और गोलू को आज़ाद किया।

सम्मान की वापसी जंगल के सारे जानवर यह देखकर चौंक गए कि बूढ़ा भालू अब भी उनका रक्षक था। सभी ने उसे फिर से सम्मान देना शुरू कर दिया। गोलू और भोलू पक्के दोस्त बन गए, और अब भोलू को कभी अकेलापन महसूस नहीं हुआ।

शिक्षा
स कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि बूढ़े और कमजोर लोगों की भी इज़्ज़त करनी चाहिए, क्योंकि उनका अनुभव और दयालुता हमेशा हमारी मदद कर सकते हैं। 😊

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