एक जंगल में एक क्रूर शेर रहता था। वह रोज जंगल के जानवरों को मारकर खाता था। जानवर डर गए और शेर से बात की। उन्होंने शेर से कहा कि वे उसे रोज़ एक जानवर भेजेंगे, पर बदले में वह जंगल के बाकी जानवरों को न मारे। शेर ने यह बात मान ली।
एक दिन, खरगोश की बारी आई। खरगोश जानबूझकर देर से शेर के पास पहुँचा। शेर बहुत गुस्से में था। उसने पूछा, “तुम देर से क्यों आए?” खरगोश ने चालाकी से कहा, “मैं रास्ते में एक और शेर से मिला, जो कह रहा था कि वह जंगल का असली राजा है।”
शेर ने कहा, “मुझे दिखाओ वह शेर कहाँ है!” खरगोश ने शेर को एक कुएँ के पास ले जाकर कहा, “वह शेर इसी कुएँ में रहता है।” शेर ने कुएँ में झाँका और उसे अपनी ही परछाई दिखी। शेर ने सोचा कि यह दूसरा शेर है, और उसने उस पर छलांग लगा दी। इस प्रकार, मूर्ख शेर कुएँ में गिरकर मर गया और जंगल के जानवरों को हमेशा के लिए शेर के आतंक से छुटकारा मिल गया।
शिक्षा: संकट के समय धैर्य और बुद्धिमानी से काम लेना चाहिए।